उत्तरप्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढ़ाने के लिए टीईटी की अनिवार्यता खत्म, सीएम योगी का बड़ा कदम

UP Shikshak Big News : बेसिक शिक्षा विभाग में कार्यरत शिक्षकों को टीईटी (शिक्षक पात्रता परीक्षा) की अनिवार्यता से राहत देने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अहम कदम उठाया है। सीएम के निर्देश के बाद विभाग ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के खिलाफ रिव्यू पिटीशन (पुनर्विचार याचिका) दाखिल कर दी है।

सुप्रीम कोर्ट का आदेश और शिक्षकों की चिंता

सुप्रीम कोर्ट ने 1 सितंबर को आदेश दिया था कि कक्षा 1 से 8 तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना जरूरी होगा। इस फैसले से पहले से पढ़ा रहे कई ऐसे शिक्षक, जिनके पास टीईटी नहीं है, अपनी नौकरी जाने के डर से तनाव में हैं। हालात इतने गंभीर हो गए कि हाल में दो शिक्षकों की मौत के बाद परिजनों ने मानसिक दबाव को इसकी वजह बताया। यही कारण है कि राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से पुनर्विचार की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है।

“शिक्षकों के अनुभव को दरकिनार करना गलत” – मुख्यमंत्री

सीएम योगी का कहना है कि प्रदेश के जो शिक्षक सालों से सेवा कर रहे हैं, वे शिक्षा व्यवस्था की रीढ़ हैं। उन्होंने हमेशा बच्चों की पढ़ाई में योगदान दिया है और सरकार समय-समय पर उन्हें ट्रेनिंग भी देती रही है। ऐसे में उनके अनुभव और वर्षों की मेहनत को नजरअंदाज करना ठीक नहीं है। सीएम ने साफ कहा कि राज्य सरकार शिक्षकों की योग्यता और उनकी सेवाओं का सम्मान करती है। उन्होंने विभाग को निर्देश दिया है कि सुप्रीम कोर्ट के सामने राज्य का पक्ष मजबूती से रखा जाए ताकि सेवारत शिक्षकों को राहत मिल सके और वे निश्चिंत होकर बच्चों की पढ़ाई पर ध्यान दे सकें।

क्या कहा था सुप्रीम कोर्ट ने?

उच्चतम न्यायालय के आदेश के मुताबिक, कक्षा एक से आठ तक पढ़ाने वाले सभी शिक्षकों के लिए टीईटी पास करना आवश्यक होगा। अगर कोई शिक्षक यह परीक्षा पास नहीं करता तो उसकी नौकरी की निरंतरता और प्रमोशन पर असर पड़ेगा। इस आदेश से लाखों शिक्षकों के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं। उनका कहना है कि लंबे समय की सेवा और अनुभव के बावजूद यदि उन्हें सिर्फ एक परीक्षा के आधार पर अयोग्य माना जाएगा, तो उनके परिवार की आजीविका खतरे में पड़ जाएगी।

कितने शिक्षक प्रभावित?

प्रदेश में लगभग डेढ़ लाख शिक्षक ऐसे हैं जिनकी नियुक्ति बिना टीईटी के हुई थी। कोर्ट के फैसले के अनुसार –
जिनकी सेवा अवधि 5 साल से कम बची है और वे टीईटी पास नहीं करते, उन्हें प्रमोशन नहीं मिलेगा।
जिनकी सेवा अवधि 5 साल से ज्यादा बची है, उन्हें 2 साल में टीईटी पास करना अनिवार्य होगा, वरना पदोन्नति और सेवा दोनों पर असर पड़ेगा।

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