यूपी संविदा कर्मचारियों को पेंशन का ऐलान, अब हर महीने खाते में आएंगे इतने रुपये

UP Samvida Karmchari Pension News : उत्तर प्रदेश में संविदा कर्मचारियों के लिए अब एक बड़ी राहत भरी खबर आई है। लंबे समय से स्थायी कर्मचारियों जैसी सुविधाओं की मांग कर रहे इन कर्मचारियों को आखिरकार सरकार ने सुन लिया है। अब तक संविदा कर्मचारी पेंशन, आर्थिक सुरक्षा और अन्य जरूरी लाभों से वंचित रहे हैं। नौकरी खत्म होते ही उनके भविष्य पर अनिश्चितता के बादल मंडराने लगते थे। बार-बार कर्मचारी संगठनों ने आवाज उठाई कि इन्हें भी स्थायी कर्मचारियों की तरह सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि रिटायरमेंट के बाद भी चैन से जीवन जी सकें। अब सरकार इस दिशा में ठोस कदम उठाने जा रही है और कैबिनेट बैठक में इस पर मुहर लगने का इंतजार है।

आउटसोर्स निगम का होगा गठन

प्रदेश सरकार ने संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों की दिक्कतों को दूर करने के लिए “आउटसोर्स सेवा निगम” बनाने का प्रस्ताव तैयार किया है। सीएम योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट बैठक में इस पर चर्चा होगी और संभावना है कि इसे मंजूरी भी मिल जाएगी।

निगम बनने के बाद प्रदेश के 92 विभागों और शैक्षणिक संस्थानों में संविदा व आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्तियां इसी निगम के जरिए होंगी। इसके साथ ही कर्मचारियों को पेंशन, आर्थिक सहायता और आरक्षण जैसी सुविधाओं का लाभ भी दिया जाएगा। यह फैसला लाखों कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत साबित होगा, क्योंकि लंबे समय से वे इस सुधार का इंतजार कर रहे थे।

कितनी मिलेगी पेंशन?

सरकार ने आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए पेंशन का प्रावधान भी रखा है। नियम लागू होने के बाद कर्मचारियों को हर महीने 1000 रुपये से लेकर 7300 रुपये तक पेंशन मिल सकती है। इतना ही नहीं, अगर किसी विवाहित कर्मचारी का निधन हो जाता है, तो उसके माता-पिता को भी 1000 रुपये से 2900 रुपये तक की मासिक पेंशन दी जाएगी।

आगे की प्रक्रिया

कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद इस निगम का संचालन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बने निदेशक मंडल के जरिए किया जाएगा। इसके लिए एक महानिदेशक की भी नियुक्ति होगी, जो निगम से जुड़े सभी कामकाज देखेंगे।यूपी सरकार का यह कदम संविदा कर्मचारियों के जीवन में नई उम्मीद जगाने वाला है। जिन कर्मचारियों ने अब तक अपने भविष्य को लेकर असुरक्षा महसूस की, उन्हें अब पेंशन और अन्य सुविधाओं के रूप में स्थायी सहारा मिलने जा रहा है। निस्संदेह, यह फैसला लाखों संविदा कर्मचारियों और उनके परिवारों के लिए किसी बड़े तोहफे से कम नहीं होगा।

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